Speech Therapy किस age में स्टार्ट करनी चाहिए?
Special Education Services in Patiala
सबसे पहले बात करते है कि स्पीच थेरपी की जरूरत किस-किस को पड़ती है तो स्पीच थेरपी उसको करवानी चाहिए जिन की स्पीच Delay है या फ़िर जिन को stammering , Misarticulation की प्रॉब्लम है या फ़िर जैसे कोई stroke patient होता है उनको भी स्पीच थेरपी की जरूरत होती है तो सबसे पहले बात करते हैं स्पीच डिले की। स्पीच डिले क्या है? आप कैसे जान सकते हैं कि आपके बच्चे को स्पीच डिले है?
Speech Milestone(According to Age)
4-6 Month Baby=Start Babbling (बा-बा, पा-पा)
1 and 1.6 yrs baby= मम्मा, पापा, दादा, दीदी, नाना, काका,चाचा ,दादी, मामा (10 meaningful words)
2 and 2.6 yrs baby= पापा जाओ, किताब दे दो, मम्मा आओ,apple देदो, मम पीना,दादा आओ, काका चलो(20 sentences)
3 and 3.6 yrs baby= पापा स्कूल जाना, मम्मा खाना देदो,मम्मी एप्पल देदो, दादी इधर आओ, दादू साथ चलो, पापा चॉकलेट चाहिए (30 sentences)
4 and 4.6 yrs Baby= मम्मा मुझे खाना देदो, पापा मेरे साथ चलो, दादा मुझे सेब चाहिए, दादी मेरे साथ बैठो, मम्मी ये किसका फोन है , मम्मी पापा कहाँ हैं , मम्मी पापा के पास जाना ।
40 sentences (Imaginary story)
Best Speech Therapist in Patiala
5 yrs baby = 50 sentences (real stories)
इसलिए यदि आपका बच्चा इन सभी माइलस्टोन को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, तो आपको निश्चित रूप से अपने बच्चे की स्पीच थेरेपी शुरू करवानी चाहिए। Parents जैसे आपको 3 साल की उम्र में पता चल गया होगा कि अभी तक आपका बच्चा बोल नहीं रहा है तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे बच्चे को इन Milestones को achieve करने में time लगेगा और बच्चा अपनी age के बच्चों से पीछे रहता चला जाएगा इसलिए parents आपको Delay नहीं करना है जल्दी से जल्दी बच्चे की थेरपी स्टार्ट करवानी चाहिए क्योंकि जितना देरी होगी उतना ही बच्चे को रिकवर होने में time लगेगा।
अब बात ये भी आती है कि क्यु अभी तक बच्चे की Speech नहीं आयी है तो parents स्पीच ना आने का reason होता है बच्चे में attention span कम होता है बच्चा किसी भी काम पे फोकस नहीं कर पाता है उसमें lack of concentration होता है बच्चा एक जगह टिक कर नहीं बैठता हैं किसी की बात नहीं सुनता हैं अपनी ही दुनिया में मस्त रहता है जिसकी वज़ह से बच्चे की स्पीच develop नहीं हो पाती है इसलिये Speech थेरपी करवाने से पहले हमें इन सभी hurdles को दूर करना होगा ।
इसलिये आपको इस बात पे ध्यान देना होगी की बच्चे को कौन-कौन सी थेरपी की need है उसे केवल स्पीच थेरपी चाहिए या फ़िर Behavioral Therapy की भी बच्चे को जरूर हैं क्योंकि Speech therapy से पहले बच्चे का behaviour ठीक होना चाहिए। क्योंकि for example अगर बच्चा टिक कर नहीं बैठ रहा है कभी इधर भाग रहा है कभी उधर भाग रहा है तो ऐसे में बच्चे को स्पीच थेरपी देना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा इसलिये हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की अगर बच्चे की स्पीच नहीं आ रही है तो उसके कोई न कोई कारण तो होंगे ही इसलिये हमें स्पीच थेरपी करवाने से पहले बच्चे के behaviour को समझने की जरूरत होती है ।
Stammering Therapy Centre in Patiala
इसके अलावा जिन लोगों को stammering, Misarticulation की प्रॉब्लम है वो किसी भी age में speech therapy ले सकते हैं ।
Stammering =इसको हिन्दी में हक़लाना कहते हैं इसमें बच्चा या कोई भी व्यक्ति एक ही शब्द को या आवाज को लंबे समय तक खींचता हैं या रुक-रुक कर बोलता हैं।
Misarticulation = Misarticulation को हिन्दी में तूतूलाना कहते हैं इसमें कोई भी व्यक्ति या बच्चा words को ऊपर नीचे कर देता है किसी भी sound के बदले किसी दूसरी sound को add कर देता है clear नहीं बोलता है ।
लेकिन उनको भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर वो time रहते थेरपी नहीं लेते हैं तो उनको भी आगे चलकर बहुत सी प्रॉब्लम को face करना पड़ता है जैसे स्पीच clear ना होने की वजह से या रुक-रुक कर बोलने की वज़ह से धीरे-धीरे उनका confidance लेवल कम होने लगता है और वो धीरे-धीरे स्ट्रेस में आने लग जाते हैं नए लोगों के साथ बात करने में वो हिचकिचाते हैं कोई भी ओरल इंटरव्यू नहीं दे पाते हैं इन सारी प्रॉब्लम को उनको आगे चलकर face करना पड़ता है इसलिये उनको भी जितनी जल्दी हो सके अपनी स्पीच therapy करवानी चाहिए ताकि इन सब प्रॉब्लम्स को उनको face ना करना पड़े। इसलिये चाहे कोई बड़ा हो या छोटा हो उनको इन सब प्रॉब्लम्स को नजरंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि टाइम रहते अपनी स्पीच थेरपी करवानी चाहिए
स्पीच हर एक इंसान के लिए जरूरी है इसी के जरिए इंसान अपनी फीलिंग्स, emotion को व्यक्त करता हैं एक दूसरे व्यक्ति के साथ कम्यूनिकेशन करता है इसलिये स्पीच बहुत ज्यादा जरूरी होती है इसी के जरिए इन्सान अपनी बातों को दूसरों के साथ शेयर करता है इसलिये अगर किसी की स्पीच में कोई issue है तो उनको समय रहते अपनी थेरपी करवानी चाहिए क्योंकि थेरपी ही इसका एकमात्र सोल्यूशन हैं इसके अलावा दूसरा और कोई सोल्यूशन नहीं है इसलिये हमें टाइम waste नहीं करना चाहिए जितनी जल्दी हो सके किसी specialist की हेल्प लेकर थेरपी स्टार्ट करवा देनी चाहिए
Child Speech Development Therapy Patiala
Occupational Therapy for Learning Disability Patiala
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3 सल
इसलय speech
सटरट करवन
उसक करवन
सर परबलम
जएग इसलय
जसक वजह
जतन दर
जररत कसकस
एकमतर सलयशन
जरए इसन
लए जरर
therapy करवन
धरधर सटरस
लब समय
behaviour ठक
parents जस
शर करवन
stammering misarticulation
speech therapy
हलप लकर
टइम waste
जरए इनसन
फलगस emotion
बलक टइम
सब परबलमस
ओरल इटरवय
नए लग
ऊपर नच
ततलन कहत
misarticulation misarticulation
हकलन कहत
धयन रखन
दन बहत
for example
उस कवल
सभ hurdles
जगह टक
कय अभ
सलह लन
नशचत रप
सभ मइलसटन
कसक फन
मझ सब
मझ खन
इधर आओ
नन ककचच
डल कय
stroke patient
फर जस